“तेरी चाहत”
तेरी हर अदा पे मुझे बस प्यार आता है,
जब मेरे साथ तू होती है करार आता है …
तेरी आँखें है सनम, या के हैं जाम-ऐ-शराब,
तेरी नज़रों को मैं देखूं तो खुमार आता है…
तू मेरे सामने है, ख्वाब हो , बेदारी हो,
अपनी बांहों में लिए तुझ को चला जाता हूँ …
तुझ से मिलने पे जो आ जाए जुदाई का ख़याल,
दिल में तूफ़ान सा उठता ही चला जाता है…
तेरी चाहत की मेरे दिल में है हद कितनी,
कहाँ ग़ज़लों में या अल्फाज़ में कह पाता हूँ ..
जब मेरे साथ तू होती है करार आता है …
तेरी आँखें है सनम, या के हैं जाम-ऐ-शराब,
तेरी नज़रों को मैं देखूं तो खुमार आता है…
तू मेरे सामने है, ख्वाब हो , बेदारी हो,
अपनी बांहों में लिए तुझ को चला जाता हूँ …
तुझ से मिलने पे जो आ जाए जुदाई का ख़याल,
दिल में तूफ़ान सा उठता ही चला जाता है…
तेरी चाहत की मेरे दिल में है हद कितनी,
कहाँ ग़ज़लों में या अल्फाज़ में कह पाता हूँ ..
Nice one _Manish Chopra
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